श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी ।
हे नाथ नारायण वासुदेवः ।।
जय श्री मोरमुकुट बंशोवाले नंदकेदुलारे यशोदा के प्यारे गोकुल के ग्वाले गोवर्धनधारी कृष्णमुरारी राधेय कंश और कौरवो का हनन करनेवाले कुंती के पुत्रो के हितेषी माता देवकी को परमानन्द देनेवाले नटखट कन्हैया की ।
प्रभु सभी पर कृपा करे ।
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।
प्रणतः क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः ।
आकाशात पतितं तोयं यथा गच्छति सागरम् ।
सर्व देवं नमस्कारम केशवं प्रतिगच्छते ।।
परित्राणाय साधुनाम विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्म संस्थापनार्थायः संभवामि युगे युगे ।।
शुप्रभात
आपका दिन आनंदमयी और मंगलमय हो ।
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