ENGINE OIL का इस्तेमाल आतंरिक दहन ईंजिन में होता है ,जो मूविंग पार्ट्स को लूब्रिकेट करने का काम करता है । ईंजिन ऑइल मुख्यतः कच्चे तेल (क्रूड ऑइल ) से पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन के गणक अलग करके बनाया जाता है (आज कल सिंथेटिक ऑइल भी मिलता है), और उसकी गुणवता में सुधार के लिए कई तरह के मिश्रण मिलाकर उसमे जंग प्रितिरोधी व व साफ रखने की क्षमता को (कालापन दूर करने) बढाया जाता है ।ईंजिन ऑइल अपने गाढेपन से ईंजिन के चल पुर्जो के बीच एक फ़िल्म की काटिंग बना देता है , जिससे उनमे घर्षण नही होता है । आयल का गाढापन ऐसा होना चाहिए की वो हर तापमान पर संतोषजनक तरीके से फ़िल्म बनाकर रख सके और वो इतना पतला होना चाहिए की अच्छी तरह से फ्लो कर सके ।
आयल के ग्रेड(Grade) :- सोसाइटी ऑफ़ ऑटोमोटिव ईंजिनीर्स (SAE) ने ईंजिन आयल के kinemetics विस्कोसिटी के आधार पर आयल के नम्बर वाले कोड बनाये जो 0 ,५,१०,१५,२०,२५,३०,४०,५०,और ६० है ।इन नम्बर कोड के आगे "W" भी फिक्स होता है जोकि "विंटर" का सूचक है और कम तापमान पर ईंजिन स्टार्ट करने का मापक है ।
आयल के मानक (Standa rd):- वैसे तो ईंजिन आयल की गुणवत्ता के कई मानक है लकिन उनमे ये छह प्रमुख है :-
(अ) API (अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टिट्यूट):-इसके मनको में दो प्रमुख है । एक है "S"(FOR SERVICE) जोकि स्पार्क इग्निशन या पेट्रोल ईंजिन के लिए आयल को दर्शाता है और दूसरा है "C" जो कम्प्रेशन इग्निशन या डीजल ईंजिन के लिए आयल का मानक दर्शाता है ।पेट्रोल ईंजिन आयल के लिए API के नए मानक "SM,SL और SJ" है, और डीजल के लिए " CJ-4,CI-4 CH-4 CG-4 और CF आदि है॥(ऐसा सम्भव है की एक ही आयल के पेट्रोल और डीजल दोनों मानक हो)।
(बी) ILSAC (THE INTERNATIONAL LUBRICANT STANDARDIZATION AND APPROVAL COMITTEE): जिसका नया मानक GF-4 है ।
(C) ACEA(ASSOCIATION DES CONSTRUCTEURS EUROPEAN d'AUTOMOBILES ) :इनके द्वारा तय मानक यूरोप और अमेरिकन कार निर्माता उपयोग में लाते है । इनके मानक API और ILSAC के मानक से कड़े है जो की A3,A5 आदि है ।।
(डी)JASO (JAPANESE AUTOMOTIVE STANDARDS ORGANIZATION) : इनके मनको में 4-स्ट्रोक इंजन आयल के लिए JASO T-९०४,T-९०४MA,, मानक है जो गिले क्लच के लिए है (गिला क्लच MOTORCYCLES में प्रयुक्त होता है ।) JASO-ट९०४-MB दुसरे आयल के लिए होता है।२-स्ट्रोक के लिए जसो-ं३४५ (FA,FB,FC) है ।
(E) OEM:: कई कार निर्माता भी अपनी जरूरत की गुणवत्ता के हिसाब से आयल बनवाते है।
(F) सिंथेटिक आयल :-यह वैज्ञानिको द्वारा बनाया गया आयल है और इसकी गुणवत्ता बहूत बेहतर होती है॥इसको ज्यादातर EUROPEAN और अमेरिकन कार निर्माता निर्देशित करते है ।
हमें कार निर्माता द्वारा निर्देशित Grade और मानक का या उससे उच्च Grade या मानक के आयल का ही प्रयोग करना चाहिए । अगर समय का ख्याल नही रख सखते है तो सिंथेटिक आयल का अपनी कार में इस्तेमाल कार सकते है।आप कोई भी आयल निर्माता का आयल प्रयोग में ले सकते है लेकिन मानक (स्टैण्डर्ड)और Grade का ध्यान रखे साधारणतः कार निर्माता द्वारा निर्देशित OIL का लाइफ ५००० से 10000 मिल्स के बीच होता है जो आपकी कार के ENGINE की आंतरिक हालत पर निर्भर है .
बहुत सुंदर जानकारी है
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