आज कल अन्ना हजारे और उनका लोकपाल बहूत चर्चा में है,और सरकार ने जिस तरह का बिल सदन में रखा है वह अन्ना हजारे के लोकपाल से काफी भिन्न है | यह सही है की कोई भी राजनेता सख्त लोकपाल के खिलाफ ही होगा जिसके बारे में कल मुलायम सिंह और लालू प्रसाद यादव ने खुल कर बता दिया |
सरकार भी जिस तरह का लोकपाल चाहती है वह भ्रष्ट लोगो को बचाने वाला ही है लेकिन सरकार को और सोनिया जी को अभी अपने स्वार्थ के बारे में न सोच कर देश के बारे में सोचना चाहिए क्योकि आने वाले समय में महंगाई और लोगो के खर्चे बढ़ने से भ्रस्टाचार और बढेगा |
बच्चा जब जनम लेता है तब उसका बर्थ certificate बनवाने के लिए भ्रस्ट तरीके शुरू होते है फिर उसको स्कूल में दाखिला के लिए फिर कॉलेज में प्रवेश और उसको नौकरी शुरू करने तक सतत चलते रहते है |
फिर ऐसे समाज में पलने बढ़ने वाले से हम इमानदारी की उम्मीद कैसे कर सकते है |
और राजनेता तो गिने चुने ही नैतिक बचे है समाजसेवा के नाम पर खुद की सेवा करने वाले ही ज्यादा है |
हमें सख्त लोकपाल के लिए अन्ना हजारे का पुरजोर समर्धन करना चाहिए |
सरकार भी जिस तरह का लोकपाल चाहती है वह भ्रष्ट लोगो को बचाने वाला ही है लेकिन सरकार को और सोनिया जी को अभी अपने स्वार्थ के बारे में न सोच कर देश के बारे में सोचना चाहिए क्योकि आने वाले समय में महंगाई और लोगो के खर्चे बढ़ने से भ्रस्टाचार और बढेगा |
बच्चा जब जनम लेता है तब उसका बर्थ certificate बनवाने के लिए भ्रस्ट तरीके शुरू होते है फिर उसको स्कूल में दाखिला के लिए फिर कॉलेज में प्रवेश और उसको नौकरी शुरू करने तक सतत चलते रहते है |
फिर ऐसे समाज में पलने बढ़ने वाले से हम इमानदारी की उम्मीद कैसे कर सकते है |
और राजनेता तो गिने चुने ही नैतिक बचे है समाजसेवा के नाम पर खुद की सेवा करने वाले ही ज्यादा है |
हमें सख्त लोकपाल के लिए अन्ना हजारे का पुरजोर समर्धन करना चाहिए |
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