नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर में चुनाव के समय जिन पार्टियो से वहा के लोगो को आज़ाद कराने की बाते की बहुमत नहीं मिलने पर गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए उनको ही गले लगा कर बेशर्मी दिखा दी ।
नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी ने भी दिखा दिया की सत्ता और पैसे कमाने की भूख के आगे देशप्रेम और देशप्रेमियों की शहादत बातें कोई मायने नहीं रखती है ।
बेशर्मी की हद ये है की अफजल गुरु की फांसी की खिलाफत करनेवाले और सेना के जांबाज सिपाहियो की शहादत को गाली देनेवाले और पाकिस्तानपरस्त आतंकवाद की हिमायत करनेवाले लोगो को इस देश का प्रधानमंत्री सबकुछ जानते हुए गले लगता है ।
और आज तो हद ही हो गयी ।जिस आतंकवादी पर 10 लाख रुपये का इनाम था जो 100 से ज्यादा लोगो की मौत का जिम्मेदार था उसको राजनेतिक कैदी बता कर रिहा किया जा रहा है और BJP वाले सत्ता के लालच में
सबकुछ देख रहे है ।
क्यों इस देश के महान वीरो की शहादत को शर्मसार कर रहे हो ।मुफ़्ती मोहम्मद सईद क्या सोचता है ये सब जानते है लेकिन अपनेआप को देशभक्त दिखा कर अलगाववादी लोगो से हाथ मिलानेवाले और उनको ताकत देनेवाले लोग ज्यादा खतरनाक है ।
इसबात से यह सभी जान चुके है की राजनेतिक लोगो का ना तो कोई चरित्र होता है ना ही वो क्या कहते है उसका उनकी ही नज़र में कोई महत्व (यानि की थूक कर जो चाट सकते है ) चाहे वो किसी भी पार्टी का क्यों ना हो ।
पता नहीं कब इस देश की बागडोर सच्चे समाजसेवी राजनेता के हाथ में आएगी जो सच में देश के बारे में सोचेगा अपनी पार्टी और सत्ता के लालच के बारे में नहीं ।
वैसे जिनका इतिहास गुंडागर्दी और भूमाफिया होनेकी वजह से राजनैतिक उच्चपद प्राप्त करने का रहा हो उनसे उम्मीद भी क्या की
जा सकती है ।
देशप्रेम,राष्ट्रभक्ति,शहादत,वीरता आदि शब्दों की पाकिस्तानी परिभाषा भारतीयो पर थोपी जा रही है जो देश की सेना और वीर सिपाहियों को
निराश करेगी ।
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